Shodashi - An Overview
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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
Shodashi’s mantra improves devotion and faith, supporting devotees establish a deeper connection on the divine. This reward instills have confidence in during the divine method, guiding folks by means of issues with grace, resilience, and a sense of reason within their spiritual journey.
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
Just after eleven rosaries on the very first day of starting While using the Mantra, you could carry down the chanting to at least one rosary on a daily basis and chant 11 rosaries within the 11th day, on the final day of one's chanting.
नौमीकाराक्षरोद्धारां सारात्सारां परात्पराम् ।
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
This Sadhna evokes innumerable pros for all spherical fiscal prosperity and stability. Expansion of organization, title and fame, blesses with prolonged and prosperous married everyday living (Shodashi Mahavidya). The results are realised quickly once the accomplishment from the Sadhna.
लक्ष्या या चक्रराजे नवपुरलसिते योगिनीवृन्दगुप्ते
To the fifth auspicious working day of Navaratri, the Lalita Panchami is celebrated since the legends say that this was the working day when more info the Goddess emerged from hearth to destroy the demon Bhandasura.
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
As among the 10 Mahavidyas, her story weaves in the tapestry of Hindu mythology, supplying a loaded narrative that symbolizes the triumph of good about evil as well as spiritual journey from ignorance to enlightenment.